प्रेमचंद का सबसे छोटा उपन्यास "निर्मला" माना जाता है। यह उपन्यास प्रेमचंद की साहित्यिक शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें उन्होंने समाज की कुप्रथाओं और दहेज प्रथा के कारण महिलाओं के जीवन में आने वाले संघर्ष और पीड़ा को उजागर किया है।
निर्मला उपन्यास की विशेषताएं:
- संक्षिप्त कथा: इस उपन्यास की लंबाई अन्य उपन्यासों की तुलना में कम है।
- केन्द्रित कथानक: उपन्यास एक ही समस्या (दहेज प्रथा) पर केंद्रित है।
- मुख्य पात्र: निर्मला, जो समाज के अन्याय और परंपराओं का शिकार बनती है।
- सामाजिक संदेश: प्रेमचंद ने इस उपन्यास के माध्यम से दहेज प्रथा और वैवाहिक असमानता जैसी समस्याओं को उजागर किया।
हालांकि प्रेमचंद के अन्य उपन्यास जैसे "गोदान" और "गबन" अपनी गहराई और विस्तार के लिए प्रसिद्ध हैं, लेकिन निर्मला अपनी संक्षिप्तता और गहन सामाजिक संदेश के कारण विशिष्ट है।
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