दोस्तों, आज इस लेख में हम जीवाश्म ईंधन के बारे में जानेंगे। आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि जीवाश्म ईंधन किसे कहते हैं?-
जीवाश्म ईंधन किसे कहते हैं?
जंतु तथा वनस्पतियों का कई वर्षों तक पृथ्वी की सतह के नीचे दबकर अपघटित होने से बने ईंधन को जीवाश्म ईंधन कहते हैं। ये पौधों और जंतुओं के धीमे ऑक्सीकरण का परिणाम हैं। पेट्रोलियम, जीवाश्म ईंधन का उदाहरण है। अतः हम कह सकते हैं जीवाश्म ईंधन कई वर्षों पहले बना प्राकृतिक ईंधन है। यह ईंधन डीजल, पेट्रोल, घासलेट आदि रूपों में पाया जाता है। जिसका उपयोग गाड़ी चलाने में, खाना पकाने में, प्रकाश के लिए आदि रूपों में किया जाता है।
पेट्रोल तथा प्राकृतिक गैसें करोड़ो वर्ष पहले ही बन चुके हैं। ये मुख्य रूप से नदी या झील के नीचे होते हैं। जहां पर इन्हें बहुत उच्च ताप और दाब मिलता है और ये ईंधन बन जाते हैं। ये अलग अलग परत के रूप में हो जाते हैं। जिससे ये अलग अलग प्रकार के जीवाश्म ईंधन का निर्माण करते हैं। एक बार इन ईंधनों का उपयोग करने के बाद इन्हें दुबारा यूज़ नही कर सकते।
इन ईंधनों को मानव द्वारा निर्मित करना वर्तमान में सम्भव नहीं है। क्योंकि ये प्राकृतिक रूप से करोड़ो सालो में बनते हैं। जीवाश्म ईंधन सीमित मात्रा में ही उपलब्ध हैं। इन ईंधनों के प्रयोग से वायु प्रदूषण और तापमान में वृद्धि भी होती है। जो कि पर्यावरण के लिए हानिकारक होता है। जिससे अनियमित पर्यावरण घटनाएं होती है।
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