दोस्तों आज हम इस लेख के माध्यम से रक्त तथा उसके कार्यों के बारे में जानेंगे। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं रक्त क्या है-
रक्त क्या है?
खून या रुधिर या लहू एक शारीरिक तरल अर्थात द्रव है जो रुधिर वाहिनियों के अंदर विभिन्न अंगों में लगातार बहता रहता है। रुधिर वाहिनियों में प्रवाहित होने वाला यह चिपचिपा, गाढ़ा, लाल रंग का द्रव एक जीवित ऊतक है। यह प्लाज्मा तथा रक्त कणों से मिलकर बना होता है। प्लाज्मा एक निर्जीव तरल माध्यम है जिसमें रक्त के कण तैरते रहते हैं।
एक स्वस्थ मनुष्य के शरीर में लगभग 5 लीटर लहू विद्यमान रहता है। मनुष्य में लहू का प्रत्यारोपण सबसे आसानी से किया जा सकता है। एंटीजेंस के आधार पर लहू को कई भागों में बांटा गया है जिससे रक्तदान करते समय इसी का ध्यान रखा जाता है। मुख्यतः एंटीजेंस को दो भागों में बांटा गया है पहला ए, बी, ओ तथा दूसरा आर एच तथा एच आर ।
किसी दूसरे को किसी का रक्त तभी दिया जा सकता है जब दोनों का एंटीजेंस एक समान हो। अर्थात सामान एंटीजेंस वाले ही रक्त का आदान प्रदान कर सकते हैं। जिनका कोई एंटीजेंस नहीं होता वे O ग्रुप के होते हैं। जिनके रक्त में रह एंटीजन पाया जाता है वह आरएच पॉजिटिव तथा जिनके नहीं पाया जाता वह आर एच नेगेटिव होते हैं। O वर्ग वाले ब्लड ग्रुप सर्वदाता तथा AB सर्वाग्रही होते हैं। लेकिन AB रक्त वाले को AB रक्त ही दिया जाता है। रक्त का पीएच मान 7.4 होता है।
रक्त के कार्य
रक्त के निम्नलिखित प्रमुख कार्य हैं-
रक्त का कार्य ऊतकों को ऑक्सीजन पहुँचाना है।
पोषक तत्वों को ले जाना जैसे अमीनो अम्ल ग्लूकोस आदि।
उत्सर्जी पदार्थ जैसे यूरिया, कार्बन डाइऑक्साइड, लैक्टिक अम्ल आदि को बाहर करना।
रक्त प्रतिरक्षात्मक कार्य भी करता है।
हारमोंस आदि के संदेश देना अर्थात संदेश वाहक का काम करना।
रक्त का कार्य शरीर पीएच नियंत्रित करना भी है।
रक्त का कार्य शरीर का ताप नियंत्रित करना भी है।
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