पुरुषार्थ चतुष्टय किसे कहते हैं (Purusharth chatushtaya kise kahte hain?)

प्रश्न:- पुरुषार्थ चतुष्टय किसे कहते हैं?

पुरुषार्थ का तात्पर्य मनुष्य के लक्ष्य या उद्देश्य से है। पुरुषार्थ, पुरुष+अर्थ मिलकर बना है। जिसमें पुरुष का तात्पर्य विवेक संपन्न मनुष्य से है। अर्थात हम कर सकते हैं विवेकशील मनुष्य के लक्ष की प्राप्ति ही पुरुषार्थ कहलाती है। हमारे वेदों के अनुसार पुरुषार्थ चार प्रकार के दिए गए हैं, जो है, धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। इसी कारण से इन्हें पुरुषार्थ चतुष्टय कहते हैं। महर्षि मनु को पुरुषार्थ चतुष्टय का प्रतिपादक माना जाता है।

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