प्रश्न:- कॉर्निया किसे कहते हैं?
कॉर्निया आंखों का वह पारदर्शी भाग होता है जिस पर बाहर का प्रकाश पड़ता है और उसका प्रत्यावर्तन होता है। आंख का दो तिहाई भाग कॉर्निया ही होता है जिसमें बाहरी आंख का रंगीन भाग, पुतली और लेंस का प्रकाश देने वाला हिस्सा शामिल होता है। यह तंत्रिकाओं का एक जाल होता है इसमें रक्त वाहिकाएं नहीं होती। आंसू और आंख के अन्य पारदर्शी द्रव का निर्माण करने वाले द्रव्य ही इसको भी पोषण देते हैं।
सामान्यतः लोग कॉर्निया की तुलना लेंस से करते हैं लेकिन यह लेंस से भिन्न होता है। लेंस का कार्य अपने पर प्रकाश गिरने के बाद उसे फैलाने या सिकुड़ने का होता है। जबकि कार्निया का काम इससे अलग होता है कॉर्निया वास्तव में प्रकाश को आंख की पुतली जिसे नेत्र गोलक कहते हैं में प्रवेश देता है। इसका उत्तल भाग प्रकाश को पुतली और लेंस में भेजने का कार्य करता है। जिससे यह दृष्टि में अत्यंत ही सहायक होता है। किसी व्यक्ति की आंख में दूर दृष्टि दोष है या निकट दृष्टि दोष इसका निश्चय कार्निया का गुंबद कर रूप की करता है। नेत्रदान करने पर इसी कार्निया का ही दान किया जाता है।
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