दोस्तों, संगीत राग में स्वर तीन प्रकार के होते हैं। वादी स्वर, संवादी स्वर तथा अनुवादी स्वर। आज हम इन स्वरों के बारे में जानेंगे। आज हम जानेंगे कि वादी स्वर, संवादी स्वर तथा अनुवादी स्वर किसे कहते हैं?
वादी स्वर किसे कहते हैं?
वादी स्वर राग का सबसे महत्वपूर्ण स्वर होता है। किसी राग में वादी स्वर का प्रयोग अन्य स्वरों की अपेक्षा सबसे अधिक किया जाता है। सबसे अधिक ठहराव इसी स्वर पर होता है। इस स्वर को अंश स्वर, जीव स्वर अथवा प्रधान स्वर भी कहते हैं।
संवादी स्वर किसे कहते हैं?
संवादी स्वर राग का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण स्वर होता है। इसका प्रयोग और न्यास, वादी की अपेक्षा कम होता है तथा बाकी सभी स्वरों की तुलना में अधिक होता है।
अनुवादी स्वर किसे कहते हैं?
वादी-संवादी के अतिरिक्त राग में प्रयोग किए जाने वाले अन्य स्वर को अनुवादी स्वर कहते हैं।
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