गोलीय दर्पण
गोलीय दर्पण (Spherical Mirror) वे दर्पण होते हैं जिनका परावर्तक तल गोलीय होता है। यह दर्पण प्रकाश के परावर्तन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और इनके दो प्रमुख प्रकार होते हैं: उत्तल दर्पण (Convex Mirror) और अवतल दर्पण (Concave Mirror)।
गोलीय दर्पण के प्रकार
उत्तल दर्पण (Convex Mirror):
इस प्रकार के दर्पण का परावर्तक तल बाहर की ओर उभरा हुआ होता है। यह दर्पण मुख्यतः सुरक्षा के उद्देश्यों के लिए उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि सड़क पर ट्रैफिक की निगरानी में। उत्तल दर्पण समानांतर किरणों को एक बिंदु की ओर अपवर्तित करता है, जिससे एक छोटा और विपरीत बिंब प्राप्त होता है।
अवतल दर्पण (Concave Mirror):
इस दर्पण का परावर्तक तल अंदर की ओर दबा हुआ होता है। अवतल दर्पण का उपयोग मुख्यतः औषधीय उपकरणों, दूरदर्शियों, और विभिन्न प्रकाशीय यंत्रों में किया जाता है। यह दर्पण समानांतर किरणों को एक बिंदु पर एकत्र करता है और विभिन्न प्रकार के बिंब उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि बड़ा और सीधा बिंब।
गोलीय दर्पण की फोकस दूरी
गोलीय दर्पण की फोकस दूरी उसकी वक्रता त्रिज्या की आधी होती है: f=r2f = \frac{r}{2}f=2r जहां fff फोकस दूरी है और rrr वक्रता त्रिज्या है।
अगोलीय दर्पण और अन्य प्रकार
गोलीय दर्पणों में 'गोलीय विपथन' (Spherical Aberration) की समस्या होती है, जिसका समाधान अन्य प्रकार के दर्पणों से होता है:
परवलयाकार दर्पण (Parabolic Reflectors): ये दर्पण परवलयाकार आकृति के होते हैं और दूरदर्शियों में उपयोग किए जाते हैं, क्योंकि ये परावर्तन के बाद किरणों को समानांतर बनाते हैं।
दीर्घवृत्तीय दर्पण (Ellipsoidal Mirrors): इनका उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है जहां एक फोकस पर स्थित वस्तु का बिंब दूसरे फोकस पर बनता है।
अतिपरवलयाकार दर्पण (Hyperboloidal Mirrors): ये दर्पण वास्तविक और काल्पनिक वस्तुओं के बिंबों को अलग तरीके से उत्पन्न करते हैं।
प्रकाशीय यंत्रों में उपयोग
गोलीय दर्पणों का उपयोग विभिन्न प्रकाशीय यंत्रों में किया जाता है:
न्यूटनीय दूरदर्शी (Newtonian Telescope): इसमें परवलयाकार दर्पण का उपयोग किया जाता है।
कैसिग्रेनीय दूरदर्शी (Cassegrain Telescope): इसमें एक परवलयाकार और एक अतिपरवलयाकार दर्पण का संयोजन होता है।
ग्रेगोरियन दूरदर्शी (Gregorian Telescope): इसमें एक दीर्घवृत्तीय और एक परवलयाकार दर्पण का उपयोग किया जाता है।
इन दर्पणों की विशेषताएं और उनके उपयोग के तरीके विभिन्न वैज्ञानिक और तकनीकी अनुप्रयोगों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। गोलीय दर्पणों और उनके प्रकारों की विस्तृत जानकारी से आप इनका सही तरीके से उपयोग कर सकते हैं और प्रकाशीय उपकरणों की बेहतर समझ प्राप्त कर सकते हैं।
2 टिप्पणियाँ
जिस दर्पण की परावर्तक सतह ठेढ़ा_मेढ़ा हो उसे गोलिय दर्पण कहते है
जवाब देंहटाएंपरावर्तक सतह उभरा हुआ रहता है।
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